2-रुपये का सिक्का अरविंद जी के चित्र और आकृति वाला-1998 -बना हुआ सिक्का जानकारी!
2 Rupees old coin Sri aurbindo photo 1998 -jaankari
श्री अरविंद जी का यह सिक्का वर्ष 1998 में जारी किया गया था! क्योंकि अरविंद जी का जन्म 18 72 में हुआ था,और तब तक श्री अरविंद के जन्म को 125 वर्ष हो गए थे !
सिक्के को बनाने के लिए कॉपर निकल धातु का उपयोग किया गया! इसके का वजन 5 . 64 ग्राम के लगभग है ! इस sikke ka का आकार डायमीटर 25.9 एमएम है ! इस सिक्के को भारत के प्रमुख टकसाल कोलकाता मिंट, नोएडा मिंट ,मुंबई मिंट में बनाया गया था !
आधा रूपया जार्ज किंग 6 के फोटो वाला 1947 के सिक्के कि जानकारी और सिक्के कि कीमत
Sikke में आगे की तरफ बीच में अशोक स्तंभ बना हुआ है ! इसके जस्ट नीचे सत्यमेव जयते लिखा हुआ है! इसके नीचे 2 का अंक बना हुआ है! और इसके एक तरफ की साइड पर हिंदी में रुपया भारत लिखा हुआ है! और दूसरी तरफ साइड पर इंग्लिश में इंडिया रुपीज अंकित है!इसके दूसरी तरफ की साइड पर बीच में श्री अरविंद का चित्र बना हुआ है! इसके ऊपर श्री अरविंद हिंदी और अंग्रेजी में लिखा गया है ! इसके नीचे दोनों तरफ स्टार मार्क बना है ! इसके नीचे दोनों और किनारों पर एक तरफ हिंदी में संपूर्ण जीवन योग है !और दूसरी तरफ ऑल लाइफ इज योगा लिखा गया है इसके बिल्कुल नीचे की तरफ 1998 इसको बनाने का वर्ष है!
50 पैसे का सिक्का महात्मा गांधी के photo/चित्र वाला कि जानकारी
श्री अरविंद के सिक्के की कीमत किस किमत मे बेचे जानकारी
Sri aurbindo Coin Value how to sell- coin- Value-Online information hindi
यह एक रेयर कॉइन है ,यानी ऐसे sikke दुर्लभता से आम लेन देन में देखने को मिलते हैं ! इसको अच्छा कोईन कलेक्टर 150 से 200रूपये तक में खरीद सकता है! और इसकी अच्छी ग्रेडिंग कंडीशन होने पर इस कॉइन की वैल्यू और अधिक हो जाती है! जिससे इसकी कीमत और अधिक बढ़ जाती है!
हमेशा याद रखें कि बहुत से वीडियो में यूट्यूब पर coinsकी कीमत बहुत बड़ी बताई जाती है! इसमें बहुत सारी बातें बिल्कुल असत्य होती हैं! और आपको इस विषय में समझदारी से काम लेना चाहिए !और सही जानकारी के साथ इनका कलेक्शन करना चाहिए !और अच्छे coins को अपने पास संग्रह करना चाहिए!
20-पैसे का सिक्का महात्मा गांधी जी के photo वाला
अरविंद घोष के जीवन चित्र के बारे में रोचक तथ्य और जानकारी
अरविन्द घोष या श्री अरविन्द एक योगी और अच्छे दार्शनिक थे। कोलकाता में इनका जन्म 15 अगस्त 1872 को हुआ था! इनके पिता पेशे से एक डाक्टर हुआ करते थे। इन्होंने अपनी युवा उम्र में ही स्वतन्त्रता के संग्राम में क्रान्तिकारी के रूप में अपना योगदान दिया, परंतु बाद में ये एक योगी बन गये थे! तथा इन्होंने पांडिचेरी के एक स्थान पर एक आश्रम स्थापित और शुरू किया।वेदो- उपनिषद-ग्रन्थों इत्यादि पर टीकाऐ लिखी थी । योग कि साधना पर इनहोने मौलिक ग्रन्थ लिखे थे। आज तक उनका पूरे विश्व के दर्शन शास्त्र पर गहरा प्रभाव रहा है ! और ईनकी साधना कि पद्धति का अनुसरण करने वाले अनुयायी बहुत से देशों में देखे जाते हैं। यह अच्छे कवि भी रहे !और अच्छे गुरु भी रहे!
50 पैसे का सिक्का महात्मा गांधी के photo/चित्र वाला कि जानकारी
देशभक्ति भावना से प्रेरित से इस युवा नोजवान ने जानबूझ करके घुड़सवारी के लिऐ परीक्षा देने से मना कर दिया था तथा राष्ट्र कि सेवा करने का निश्चय कर लिया। इनके योग्यता और प्रतिभा से बड़ौदा नरेश बहुत ज्यादा प्रभावित रहे थे और उन्होंने इनको अपने रियासत के शिक्षा शास्त्री के रूप में नियुक्त कर दिया था। बडौदा में इन्होंने प्राध्यापक के पद पर वाइस प्रिंसिपल के पद पर निजी सचिव के पद पर महत्वपूर्ण कार्यो को योग्यता पूर्वक किया और घोष ने इस दौरान बहुत सारे छात्रों को देश के लिये चरित्रवान देशभक्त बनाया।
वर्ष 1896 से लेकर 1905 तक इन्होंने रियासत के सेना के अंतर्गत क्रान्तिकारियों को बेहतरीन प्रशिक्षण दिलाया । हजारों नौजवानों को इन्होंने क्रान्ति के लिए दीक्षा दी।
2रूपये का सिक्का दिल्ली 2010 कॉमनवेल्थ गेम वाला -जानकारी
वे कभी भी निजी रुपये-पैसे का हिसाब नहीं रखा करते थे लेकिन इन्होंने राजस्व विभाग में काम करते हुए जो दुनिया की प्रथम आर्थिक विकास योजना का निर्माण किया उसके कार्यान्वयन करके पर बड़ौदा राज्य अन्य देशी रियासतों में अन्यतम बन चुका था।लार्ड कर्जन ने जब बंग-भंग की योजना रखी तो समस्त देश क्रोध से तिलमिला उठा था। बंगाल में जब इसके विरुद्ध मैं उग्र आन्दोलन हुआ था तो अरविन्द घोष ने इसमें सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।
इन्होंने नेशनल लाॅ कॉलेज की स्थापना करवाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
मात्र 75 रुपये महीने की तनख्वाह पर इन्होंने यहां पर अध्यापन- मे अहम कार्य किया था।
उनको पैसे की जरूरत थी ,परंतु मुश्किलों के रास्ते का चुनाव किया!
अरविन्द जब कलकत्ता पहुंचे तो वहां राजा सुबोध के यहां पर ठहरे थे। जहां पर आम जनता को उनसे मिलने में संकोच जैसा महसूस होता था ! इसलिए उन्होंने सब को चौंकाते हुए वहां के छक्कू खानसामा की गली में आकर रहने लगे। इन्होने किशोरगंज जो कि आज बंगलादेश में है! वहां पर स्वदेशी आन्दोलन को प्रारम्भ कर दिया और अब ये साधारण कुर्ता,धोती व चादर ही पहनने लगे !
50 पैसे का सिक्का मत्स्य उद्योग के आकृति /चित्र वाले
ब्रिटिश राज कि सरकार इन के क्रन्तिकारी विचारों तथा काम से अत्यंत आतंकित रहने लगी थी! और दो मई उन्नीस सौ आठ को चालीस युवकों के साथ मैं इनकी गिरफ्तारी हो गई थी । इतिहास में ये घटना "अलीपुर षडयन्त्र केस" के नाम से जानी जाती है! इसके लिए उनको एक साल के लिए अलीपुर के बंदी गृह में कैद रखा था !
इस षड़यन्त्र में अरविन्द को फसाने लिये सरकार की तरफ से जो गवाह बनाया गया था उसकी एक रोज जेल में ही हत्या हो गयी थी। घोष जी के पक्ष क़ो रखने हेतु विख्यात बैरिस्टर श्री चितरंजन दास ने इस मुकदमे के लीऐ पैरवी की ! देशबंधु चितरंजन दास जी ने अपने ठोस और प्रबल तर्कों से अरविन्द को सारे आरोप अभियोगों से बरी करवा दिया था। इस अदालती केस फैसला 6 मई 1909 को जनता के समक्ष आया।
Comments
Post a Comment