बुरे कर्म मत करो, एक प्रवचन जीवन की प्रेरणा के लिए,बुरे कर्मो का दण्ड क्या मिलता है।
कर्मों का दण्ड कैसे मिलेगा। पाप कर्म को कैसे जानें, पाप कर्म का दण्ड क्या और कैसे मिलता है।
हर करम में पाप और पुण्य छुपा होता है, लेकिन हमें अपने हित को पूरा करते हुए कभी ऐसा कोई कर्म नहीं करना चाहिए ,जिससे किसी का अहित होता हो किसी को किसी से इतना कठोर व्यवहार मत करो कि किसी के जिंदगी में दुख ही दुख भर जाए, किसी की जिंदगी नरक बन जाए ऐसा कोई काम मत करो।
क्यों कहता हूं, बुरे कर्म मत करो।
तुम चाहे कितने भी ताकतवर क्यों ना हो, परंतु याद रखो जो भी महाबली हुआ करते थे, वह भी मिट्टी हो गए, अगर कुछ उनका शेष है तो, उनका नाम जो आज बुरा और भला कहा जाता है तो, इस बात को हमेशा स्मरण रहे बुरा कर्म मत करो।
तुम्हारी रोजाना की जिंदगी में इस सामाजिकता में तुमसे बहुत लोग मिलते हैं, जिनमें से कुछ तुम्हारे लिए अच्छा व्यवहार करते होंगे और कुछ बुरा लेकिन अगर तुम अपने साथ हुए उस बर्ताव का बदला लेने की जगह उसे भुला सकते हो या भुला देते हो तो यह तुम्हें आत्म शक्ति विकसित करने की ओर ले जाता है ।
तुम्हारी अच्छाई तुम्हें मानसिक तौर पर ताकतवर बनाएगी, इस ब्रह्मांड में मौजूद ऊर्जा तुम्हें तुम्हारे कर्मों का फल देगी,अगर तुम्हारे अंदर आत्मज्ञान में तुमने अच्छाई अर्जित की है तो, तुम्हें इस ब्रह्मांड की ऊर्जा ताकत सौभाग्य और संपदा प्रदान करेगी।
लेकिन अगर तुम ने मनमर्जी मैं अपने स्वार्थ और धन की लालसा में सद्भावना के नियम तोड़े तो वही ब्रह्मांड की उर्जा तुम्हें और तुम्हारे जीवन की खुशी व तुम्हारे जीवन समय को नरक की आग में जल आएंगी एवं तुम यह सोचते हो कि, यह पाप पुण्य का परिणाम आगे होगा या अगले जन्म में तो
अब ऐसा नहीं है, तुम्हें अब सब कुछ जल्दी ही इसी जीवन में जीते जी ही जिंदा रहते हुए नर्क जैसा या तनाव से भरा जीवन जीना होगा तो अपने कर्मों को श्रेष्ठ बनाने का प्रयास करो, अब यह मत पूछना कि कौन सा कर्म पाप है और कौन सा कर्म पुण्य क्योंकि ईश्वर ने सबके मन में ऐसी ताकत दी है, जो यह तुम्हें हर समय बताती है कि, कौन सा कार्य अन्यायपूर्ण एवम् गलत है- जो तुम कर रहे हो।
Comments
Post a Comment