दिवाली पर निबंध व दिवाली पूजा विधि शुभ मुहूर्त 2021[Diwali Puja Vidhi and story In Hindi]

 


Deepawali  Puja information in Hindi.

भारत को दुनिया भर में त्योहारों का देश कहा जाता है,क्योंकि भारत में अनेक प्रकार के त्यौहार पूरे 12 महीनों में मनाए जाते हैं, लेकिन मुख्य रूप से भारत में जो त्यौहार सभी लोग पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं, उनमें सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का होता है, दिवाली ही ऐसा त्योहार है जिससे पहले की हर एक परिवार इसकी तैयारी में 1 महीने पहले से ही जुट जाता है! तो चलिए बात करते हैं कुछ इस त्यौहार के बारे में!

 

Diwali nibandh aur Diwali essay in hindi.

एक आम मान्यता के अनुसार देश में हर एक वर्ग के लोग दीपावली का त्योहार मनाते हैं,हां हर एक वर्ग का तरीका कुछ कुछ अलग होता है, लेकिन इस त्यौहार के कारण ही देश में बहुत से लोग इस अवसर पर घर परिवार के साथ मिलकर खुशियों का सेलिब्रेशन करते हैं। 


इसके अलावा देश में व्यवसायिक गतिविधियों में भी इस त्यौहार का अपना ही एक अलग महत्व तो होता है,

क्योंकि दीपावली के नजदीक आने वाले समय में बाजारों में खरीददारी के लिए ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगती है ्व्यवसाय में तेजी आने लगती है और तरह-तरह की बाजार सजन लगते हैं यानी हर एक वर्ग अपने आवश्यकताओं की चीजों की खरीदारी इस त्यौहार के मौके पर करता है ,जिससे कि व्यवसायिक गतिविधियों में तेजी आने से हर एक वर्ग को भी उस में किसी न किसी प्रकार से लाभ होता है.


 इसलिए दीपावली का त्यौहार सेलिब्रेशन के साथ ही देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने वाला भी होता है और इससे बहुत से लोगों को लाभ होता है बड़ी-बड़ी कंपनियों के बिजनेस पड़ने लगते हैं क्योंकि मुख्य रूप से दीपावली पर खरीदारी का माहौल ज्यादा रहता है बाजारों में रौनक भी इस समय पर अधिक रहती है।


जिससे कि सभी जानते हैं और आज तक हमने किताबों में पढ़ा है कि दीपों का त्यौहार होने के कारण इस त्यौहार का अर्थ है दीप और रोशनी का यानी अंधकार को समाप्त करने का और हर किसी के जीवन में रोशनी भरने का यह त्यौहार होता है इस दिन हर एक घर में जगमग दीपों की माला दिखाई पड़ती है और प्रकाशोत्सव के रूप में यह त्यौहार पूरी दुनिया में विख्यात है यानी कि अंधेरों से रोशन की और जीवन को ले जाने की प्रेरणा हमें दीपावली का त्योहार प्रदान करता है एवं सामाजिक जीवन में भी इसकी अहम भूमिका होती है


 जब हमें यह त्योहार सद्भावना पूर्वक लोगों के जीवन में रोशनी भरने के लिए भी प्रेरित करता है दीपावली के त्यौहार पर मुख्य रूप से धन की देवी लक्ष्मी की आराधना की जाती है और सभी वर्ग के लोग फिर वह चाहे व्यवसायिक वर्ग हो कृषक वर्ग हो या श्रमिक  हर एक वर्ग के लोग दीपावली के त्यौहार पर देवी महालक्ष्मी की आराधना एवं पूजा करते हैं एवं ऐसी मान्यता है कि इस दिन धन की देवी लक्ष्मी आती है एवं धन-धान्य से संपन्न करती हैं इसलिए इस त्योहार पर सभी लोग अपने घरों में सफाई के साथ रंगाई पुताई भी करवाते हैं जिससे कि उनका घर साफ एवं सुंदर लगे और देवी महालक्ष्मी का प्रवेश उनके घर में हो ऐसी एक आम आम धारणा सभी दीपावली का त्यौहार मनाने वाले हर एक व्यक्ति के मन में होती है

 

दिवाली फेस्टिवल की शुरुआत धनतेरस से ही शुरू हो जाती है इस दिन सभी लोग कुछ ना कुछ खरीदारी करने के लिए बदल जाते हैं और अपने घर में किसी वस्तु को खरीद कर लाते हैं जो उन्हें आवश्यकता होती है या जोकि उन्हें उस दिन शुभ शगुन के रूप में भी चाहिए होती है इसके अलावा दूसरे दिन छोटे दीपावली को भी देश में बहुत से लोग लक्ष्मी जी का पूजन करते हैं और दीपावली मनाते हैं दीपावली के मुख्य दिन को सुबह से ही इस दिन को तरह-तरह से लोग सेलिब्रेट करते हैं कहते हैं कि जो भी लोग अपने घर से बाहर रहते हैं एवं जो अपने घर आ सकते हैं वह लोग दीपावली के त्यौहार पर आवश्यक ही अपने घर को लौट आते हैं और अपने परिवार के साथ मिलकर दीपावली मनाते हैं इस दिन को वह अपने परिवार के लिए मिठाईयां फूल पूजा का सामान प्रसाद और पटाखे खरीदते हैं शाम होते ही महालक्ष्मी पूजन बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ श्रद्धा पूर्वक तरीके से किया जाता है और माता को प्रसाद का भोग लगाने के पश्चात प्रसाद बांटा जाता है इसके पश्चात बच्चे भी बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद लेते हैं आतिशबाजी करते हैं मिठाइयां खाते हैं और सब मिलजुल कर बड़े आनंद से इस त्योहार को सेलिब्रेट करते हैं।


दीपावली की त्योहारों में प्रधान था इसलिए भी है कि यह देश के सभी त्योहारों में सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है इस त्यौहार की महत्वता इस प्रकार से भी देख सकते हैं की यह फेस्टिवल आते ही बाजारों में रौनक कुछ दिनों पहले ही बढ़ जाती है एवं कुछ दिनों बाद भी यह कायम रहती है और इससे व्यापार में भी काफी फायदा होता है! एवं ऐसा नहीं है कि सिर्फ बड़ी-बड़ी कंपनियों को ही इस त्यौहार का लाभ मिलता है बल्कि सबसे छोटा व्यापारी भी इस त्यौहार पर अच्छा व्यवसाय करता है इसके लिए सभी प्रकार से लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया जाता है कि वह अपने देश में बना हुआ स्वदेशी सामान ही खरीदें और छोटी दुकानों से अधिक खरीदारी करें ताकि आपको अच्छी वस्तु कम कीमत में मिले और इसके साथ ही किसी आम आदमी एवं छोटे व्यवसाय को भी इसका पूरा फायदा मिल सके जिससे कि देश की छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहन मिले और वह भी अपने काम को एवं अधिक बढ़ा सकें इसके साथ जब हम स्वदेशी सामान खरीदते हैं और छोटे व्यवसायियों से खरीदते हैं तो इससे देश का पैसा देश के अंदर रहता है एवं व्यवसाय में होने वाला लाभ भी हमारे ही लोगों को प्राप्त होता है जिससे कि हमारी एक अहम भूमिका हम अपने कर्तव्य के निभाते हैं देश के विकास में भी!


दिवाली का क्या महत्व है(Diwali festival ka ka mahatva kya hai)


Dipawali महत्वपूर्ण रूप से प्रकाश उत्सव यानी कि प्रकाश का त्योहार विश्व भर में माना जाता है, जो कि पूरे विश्व के लोग जानते हैं चाहे वह दीपावली मनाएं या ना बनाएं दीपावली का त्यौहार हमें यह सिखाता है की जीवन में सुख एवं दुख आता रहता है लेकिन कोई भी चीज स्थाई और परमानेंट नहीं होती इसलिए जब भी जीवन में किसी प्रकार का कोई भी दुखाए तो हमें घबराना नहीं चाहिए एवं अगर किसी प्रकार का हमारे जीवन में सुख आए हम सफलता को प्राप्त करें तो हमें इस पर घमंड नहीं करना चाहिए, इस दिवाली त्योहार पर भगवान श्री राम के जीवन का हमें जरूर ध्यान करना चाहिए एवं उनके जीवन से हमें यह शिक्षा लेनी चाहिए कि भगवान होने के बावजूद भी जीवन में उन्होंने किस प्रकार के दुख भी देखें लेकिन उनका सामना उन्होंने बड़े ही हिम्मत से किया और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यह एक प्रेरणादायक सीख बन चुकी है इसके अलावा उन्होंने जिस रावण का वध किया वह रावण बहुत ही ज्ञानवान व्यक्ति था और उसे अपने ज्ञान व शक्ति पर बहुत घमंड था। परंतु उसके अहंकारी होने के कारण ना उसका ज्ञान उसके काम आ सका ना उसकी शक्ति उसके घमंड अहंकार को भगवान श्रीराम ने उनका वध करके समाप्त कर दिया। इसलिए कहा जाता है कि अगर आपको जीवन में क्या करना चाहिए अगर इसकी शिक्षा आपको लेनी है तो आप को रामायण जरूर पढ़नी चाहिए एवं इसकी जो कथा है उसके अंदर जो विचार है उसको आपको जरूर ग्रहण करना चाहिए ताकि आपको जीवन का सच्चा दर्शन मिल सके।


दिवाली की कथा और कहानी क्या है(Diwali festival story)

Diwali per Mahalaxmi Pujan kyon Kiya jata hai.

पौराणिक मान्यताओं व कथा के अनुसार जब राक्षस राज बली ने अपने ताकत के बल पर देवी लक्ष्मी और भी कुछ देवी देवताओं को बंधक बनाया वह कुछ दिनों तक वे सभी राजा बलि के बंधक भी रहे थे जिसके पश्चात इस कार्तिक मास की अमावस्या को भगवान श्री विष्णु ने लक्ष्मी जी को भी स्वतंत्र करवाया और साथ ही समस्त देवी देवताओं को भी मुक्त करवाया उसी स्थान से निकलकर समस्त लक्ष्मी जी एवं समस्त देवी देवता शिव सागर तक पहुंचे एवं वहां जाकर गहरी निंद्रा में सो गए इसलिए पुराणों में यह बताया गया है कि दीपावली के फेस्टिवल में घरों के अंदर साफ एवं सफाई होना बहुत आवश्यक है क्योंकि देवी लक्ष्मी जी उस दिन को क्षीरसागर ना जाके भक्तों के घर आए और एवं भक्तों के घर में ही सो जाए जहां भगवान का निवास होता है वहां कभी भी दरिद्रता दुख अशांति कष्ट कभी भी नहीं आता और इसके साथ ही जहां महालक्ष्मी का निवास होता है वहां धन वैभव खुशियां इत्यादि का आगमन होता है!

लक्ष्मी पूजा का तरीका क्या है?लक्ष्मी जी का पूजन कैसे किया जाता है?


दिवाली के अवसर पर माता लक्ष्मी जी की पूजा करके  माता को प्रसन्न करने के लिए वह कृपा प्राप्ति हेतु मिष्ठान वह फल का भोग भी अर्पित किए जाते हैं, जिनमें माता लक्ष्मी जी को भोग में सिघाड़ा, अनार, श्रीफल अर्पित किया जाता है, इसके साथ ही दिपावली को पूजा में सीताफल भी अर्पित करने का विधान है,व कुछ कुछ जगहों पर तो लोग दीपावली को  पूजा में गन्ना भी अर्पित हैं. हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण शास्त्रों के अनुसार, माता श्रीलक्ष्मी जी को फलों में सिंघाड़ा  बहुत ही प्रिय बताया जाता है, इसलिए माता लक्ष्मी जी को पूजा में  सिंघाड़ा जरूर अर्पित करना चाहिए, इस के साथ में माता लक्ष्मी जी को मिठाई में केसरभात,हलवा एवं चावल दुध  से बनी खीर भी पसंद होती है, इस लिए इसका भी भोग लगाया जाना चाहिए, पौराणिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इससे माता लक्ष्मीजी की कृपा से जीवन में धन एंवम यश की प्राप्ति होती, और महालक्ष्मी माता की सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों के घर कभी भी आर्थिक परेशानी नहीं आती है!



दिवाली लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त [Lakshmi Pujan time 2021 Date]


शाम को 6 बज कर 9 मिनट से रात्रि के 8 बज कर 20 मिनट का मुहुर्त

महुर्त की समय अवधि: 1 घंटे 55 मिनट


प्रदोष काल का समय : 17:34:09 से  लेकर 20:10:27 तक


वृषभ काल का समय: 18:10:29 से लेकर 20:06:20 तक


दिवाली का शुभ चौघड़िया मुहूर्त क्या है?


सुबह के समय का मुहूर्त: प्रातःकाल  में 06:34:53 से लेकर 07:57:17 बजे 


सुबह के समय का मुहूर्त:- 10:42:06 बजे से लेकर दोपहर  के 14:49:20  तक


सायंकाल में लक्ष्मी पुजन का मुहूर्त: शाम को 16:11:45 बजे से लेकर रात्रि 20:49:31 तक


रात्रि  का मुहूर्त:- रात्रि को 24:04:53 बजे से लेकर रात 01:42:34 तक

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