क्या अधिक नींद लेना अल्जाइमर की बीमारी का कारण बन सकता है ?

Is it harmful to sleep for a long time and can it cause illness?

Is it harmful to sleep for a long time and can it cause illness

प्रतीकात्मक चित्र 


क्या अधिक नींद लेना अल्जाइमर की बीमारी का कारण बन सकता है ?

पिछले दिनों में कुछ अध्ययन हुए, इन अध्ययनों में अल्जाइमर के रोग को नींद की कमी से  संबंधित यानी जुड़ा हुआ पाया गया, परंतु एक नए रिसर्च में यह दावा किया गया है! कि बहुत अधिक देर तक आंखों के बंद रहने या अधिक नींद लेने से मानव मस्तिष्क और यादाश्त पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

रिसर्च के अंतर्गत विशेषज्ञों ने पाया की जो इंसान नौ घंटे तक या उससे अधिक समय की नींद लेते हैं ! उनकीयाद्दाश्त की शक्ति और भाषा के कौशल में महत्वपूरूप से गिरावट देखने को मिली है। इस विषय के साथ ही उन व्यक्तियों में भी यह खतरा देखने को
मिला, जो की छह घंटे या इससे कम समय  की नींद लेते हैं।

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रिसर्च के बाद विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया, कि सात से आठ घंटे की नींद लेना सबसे उचित होता  है ! और ऐसे उपायों से इन खतरों को एक तरह से टाला जा सकता है। हालांकि,शोधकर्ता विशेषज्ञ इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं दिखे ,कि ज्यादा समय तक सोना अवसाद के खतरे को बढ़ा सकता है!

 लेकिन उनका अपनी रिसर्च में कहना था कि
यदि मनुष्य के मस्तिष्क में किसी प्रकार का व्यावधान परेशानी या रोग हो, तो ऐसी स्थिति में उसे नींद
अधिक समय तक आती है।
Is it harmful to sleep for a long time and can it cause illness
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फटे होठों की समस्या हो तो ये उपाय आजमाएं !

इस विषय में मिआमी मिलर
स्कूल यूनिवर्सिटी के टीम के विशेषज्ञ ने सात वर्षों तक
लगभग 5,246 स्पेन के लोगों इंसानों पर गहन अध्ययन
किया। इस अध्ययन में शामिल होने वाले प्रतिभागी 45
से लेकर 75 वर्ष की आयु  के और अलग-अलग समुदाय विशेष के थे। इसमें मायामी ,शिकागो ,सेनडिआगोऔर न्यूयॉर्क के
लैटिनो सम्मिलित थे।

इसरिसर्च मैं अध्ययन के दौरान विशेषज्ञों ने
प्रतिभागितयों के एकाग्रता, ब्रेन मेमोरी पावर/याददशत , भाषा के साथ- मे मस्तिष्क के स्वास्थ्य और उसमें होने
वाले परिवर्तनों का निरीक्षण/परीक्षण किया गया। ज्यादा समय तक सोने से दिमाग की मांसपेशियों में हो जख्म जैसा कुछ हो जाता है!

सेल्फी का दीवाना पेड़ पर चढ़ा था ! और जाकर गिरा शेरनी के पिंजरे में-और मारा गया बेमौत

वैज्ञानिकों के अनुसंधान  के अनुसार ज्यादा सोने से दिमाग में जख्म हो जाता है, जिसे व्हाइट मैटर हाइपर इंटेंसिटी के नाम से भी जाना जाता है। इन जख्मों के कारण दिमाग में ब्लड सरकुलेशन भी प्रभावित होता  है। एमआरआई जैसी जांच रिपोर्ट में दिखाई देने वाले ये सफेद घब्बे अवसाद और स्ट्रोक के खतरे को शरीर में अधिक बढ़ाने का काम करते  हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ मिआमी के न्यूरोलॉजिस्ट व नींद के स्पेशलिस्ट डॉक्टर रामोस ने कहा है ! कि नींद के समय में कमी यानी अल्पनिद्रा और अधिक समय तक नींद लेने का सीधा संबंध मनुष्य के तंत्रिका संबंधी रोग से है, जो की अल्जाइमर रोग और मानसिक अवसाद के लिए मुख्य तौर पर जिम्मेदार होता है।

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